Panic Day 2022: क्या आपको अचानक डर (Panic), एंग्जायटी महसूस होने लगती है, तो हो सकता है आप पैनिट अटैक (Panic attack) से ग्रस्त हों. पैनिक अटैक मानसिक सेहत से संबंधित एक समस्या है, जिसमें व्यक्ति को अचानक डर, घबराहट, चिंता महसूस होने लगती है. प्रत्येक वर्ष 9 मार्च को ‘पैनिक डे 2022’ (Panic Day 2022) मनाया जाता है. पैनिक डे (Panic Day) लोगों को उनके जीवन में व्याप्त डर, तनावों (Stress) को कम करने के प्रति जागरूरक करने का दिवस है. दहशत या डर (Panic) एक बहुत ही अप्रिय भावना है. यह हमें दुखी, कठिन और भयावह परिणाम का अनुभव कराती है.
सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान होने वाली सामूहिक दहशत (Mass panic) अक्सर चोट और मौत का कारण बनती है. ऐसे में जरूरी है कि आप तनावपूर्ण स्थितियों में घबराहट से बचने के लिए शांत रहने और गहरी सांस लेने की कोशिश करें.
क्या है पैनिक अटैक
शारदा हॉस्पिटल (ग्रेटर नोएडा) की साइकियाट्रिस्ट डॉ. श्रुति शर्मा कहती हैं कि पैनिक अटैक में घबराहट के एपिसोड्स होते हैं. इसमें व्यक्ति को लगता है कि उसका दिल बहुत जोर-जोर से धड़क रहा है. ऐसा लगने लगता है कि अभी उसकी जान चली जाएगी. पैनिक अटैक एक मानसिक बीमारी है, जिसके लक्षण शारीरिक होते हैं, लेकिन इसके कारण मानसिक होते हैं. तनाव होने या ना होने पर भी पैनिट अटैक आ सकता है. आमतौर पर यह 15 से 30 मिनट तक रहता है और फिर धीरे-धीरे खत्म हो जाता है. एक ही एपिसोड के बाद व्यक्ति को ऐसा लगने लगता है कि अब उसे दूसरा एपिसोड आया, तो उसकी जान चली जाएगी. इससे वह बहुत ज्यादा घबरा जाता है. यह समस्या सभी में हो सकती है.
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पैनिट अटैक के लक्षण
डॉ. श्रुति शर्मा कहती हैं कि न्यूरोट्रांसमीटर में पैनिक अटैक के लिए सेरोटोनिन मुख्य रूप से शामिल होता है. पैनिक अटैक के शारीरिक लक्षण नोरेपिनेफ्रिन (Norepinephrine) और एड्रेनलाइन (Adrenaline) द्वारा निर्मित होते हैं. इसके लक्षण इस प्रकार नजर आ सकते हैं-
- दिल जोर-जोर से धड़कना
- सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
- घबराहट होना
- हाथ-पैरों में कंपन महसूस होना
- चक्कर आना
- उल्टी जैसा मन करना
- हाथ-पैर सुन्न पड़ जाना
- पूरे शरीर में पसीना आना
पैनिक अटैक का कारण
इसका मुख्य कारण लंबा चलने वाला मानसिक तनाव होता है. यदि आप किसी समस्या, परेशानी से लंबे समय से जूझ रहे हैं, तो भी पैनिट अटैक का कारण बनता है. मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक केमिकल की कमी के कारण भी यह समस्या होने लगती है.
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पैनिक अटैक का इलाज
इसके इलाज में सेरोटोनिन केमिकल को स्थिर करना शामिल है. इसका इलाज 3 से 6 महीने तक चलता है. साइकोथेरेपी के जरिए भी इलाज किया जाता है. दवाओं के साथ साइकोथेरेपी देने से जल्दी फायदा नजर आता है. साथ ही पैनिट अटैक का उपचार एंटीडिप्रेजेंट्स और एंटी-एंग्जायटी दवाओं के जरिए भी किया जाता है, जो समय के साथ न्यूरोट्रांसमीटर को स्थिर करता है. इससे धीरे-धीरे पैनिट अटैक की समस्या दूर हो जाती है.
तनाव भी बढ़ाता है पैनिक अटैक
तनाव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. इसका इलाज ना किया जाए, तो यह खतरनाक भी हो सकता है. तनाव पैनिक अटैक के साथ ही हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. यदि आपको तनाव, अवसाद, चिंता आदि की समस्या है, तो इसका इलाज तुरंत कराएं.
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