नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में विकसित 2 प्रमुख कोविड-19 टीकों (Covid-19 Vaccines) कोविशील्ड और कोवैक्सिन (Covishield and Covaxin) को मिलाकर बने टीके की एक ही खुराक, कोरोना वायरस के खिलाफ इंसान के शरीर में बेहतर प्रतिरोधक क्षमता (Immune Response) उत्पन्न करती है.
वैक्सीन का कॉकटेल ज्यादा असरदार
शोध पत्र, जिसकी अभी तक समीक्षा की जानी है, में कहा गया है कि 6 महीने के बाद एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में कमजोर होने के बावजूद, ऐसे लोग जिन्हें पहली खुराक कोविशील्ड की और 6 सप्ताह बाद दूसरी खुराक कोवैक्सिन की दी गई थी, ने ऐसे लोगों की तुलना में बेहतर इम्यूनिटी रिस्पॉन्स दिया है, जिन्हें या तो कोविशील्ड की दोनों डोज लगी थी या कोवैक्सीन की.
यूपी में हुआ था वैक्सीन का ‘मिक्स एंड मैच’
इस अध्ययन के लिए, ICMR के शोधकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के उन लोगों का विश्लेषण किया, जिन्हें अनजाने में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक कोविशील्ड की और दूसरी खुराक कोवैक्सिन की लग गई थी. यह मामला जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सामने आया था. वैक्सीनेशन के 6 महीने बाद कोरोना वायरस के खिलाफ इन लोगों के प्रतिरोधक क्षमता का अध्ययन ICMR के शोधकर्ताओं ने किया था.
आईसीएमआर ने अपने रिसर्च में क्या पाया?
शोध के लिए तीन समूह बनाए गए थे. इनमें एक मिक्स एंड मैच वैक्सीन वाला समूह था, अन्य दो सामान्य वैक्सीनेशन वाले समूह थे. शोधकर्ताओं ने तीनों समूहों में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन को लक्षित करने वाले आईजीजी IgG एंटीबॉडी टाइटर्स में उल्लेखनीय कमी पाई. आईसीएमआर (नई दिल्ली) के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ समीरन पांडा ने कहा, “लेकिन मिक्स-एंड-मैच समूह में अभी भी अन्य 2 समूहों की तुलना में अधिक आईजीजी एंटीबॉडी टाइटर्स पाए गए.”
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