जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व (Nutrients) नहीं होते हैं तो इस स्थिति को कुपोषण (Malnutrition) नाम से जाना जाता है. इस स्थिति में मानसिक और शारीरिक विकास में बहुत सी अड़चने आ सकती है. बता दें, शरीर के लिए सभी पोषक तत्व जरूरी है जिसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिज शामिल हैं. myUpchar के अनुसार, कुपोषण को इस प्रकार से समझा जा सकता है कि यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं तो उसकी उम्र के हिसाब से ऊंचाई और वजन में कमी हो सकती है. वहीं, अगर पोषक तत्व सामान्य से ज्यादा है तो इसकी वजह से मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसे रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है.
कुपोषण में क्या होते हैं लक्षण
कुपोषण में व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां होती हैं जिसमें अधिक थकान लगना, किसी बीमारी से उबरने में सामान्य से ज्यादा समय लगना, सर्जरी के बाद कई तरह की समस्याएं होना, सांस लेने में दिक्कत, भूख ना लगना, खून की कमी, डिप्रेशन और किसी प्रकार की चोट लगने पर ठीक होने में अधिक समय लगना शामिल है.कुपोषण के सही उपचार
myUpchar के अनुसार, किसी भी आयु वर्ग की बात करें तो बच्चों में कुपोषण की समस्या अधिक होती है. बच्चों के विकास में शारीरिक और मानसिक रूप से कई प्रकार की कमियां देखने को मिलती हैं, इसलिए उन्हें आहार में अधिक मात्रा में पोषक तत्व देते रहना चाहिए. बच्चों के विकास में सबसे बड़ी जिम्मेदारी माता-पिता की होती है. इसलिए यह जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों का वजन समय समय पर चेक करते रहें और यह भी ध्यान दें कि उनके बच्चे का वजन उनकी ऊंचाई के मुकाबले सही है या नहीं. हालांकि इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि बच्चा ज्यादा बीमार तो नहीं पड़ रहा है क्योंकि यदि ऐसा है तो हो सकता है कि बच्चे में पोषक तत्वों की कमी हो.
कुपोषण का होम्योपैथी में उपचार
जो लोग बहुत कमजोर हैं, खट्टी डकार आती है, उल्टी और अपच की वजह से लार ज्यादा आती है, ऊपरी या निचले पेट में दर्द होता है, अल्सर की समस्या है या फिर पेट के कैंसर जैसी बीमारियां हैं, तो उनके लिए होम्योपैथी की एसिटिकम एसिड दवा सबसे बेहतर है. इसे ग्लेशियल एसिटिक एसिड भी कहा जाता है.
कैल्केरिया कार्बोनिका भी है फायदेमंद
होम्योपैथी में कैल्केरिया कार्बोनिका भी इस समस्या के इलाज में अच्छी होम्योपैथिक दवा है. जिन्हें पेट में जलन की समस्या हो, पेट फूलने की दिक्कत हो, हल्का या भारी भोजन करने के बाद पेट में भारीपन लगता हो, उनके लिए यह दवा काफी असरदार है. यह दवा हैनिमेन कैल्शियम सल्फाइड के नाम से भी जानी जाती है. जिन्हें नाक, कान, आंख या मुंह से पीले रंग का स्त्राव होता है, जिसे म्यूकस मेंब्रेन की समस्या कहते हैं. इस स्थिति में भी हाइड्रैस्टिस कैडेनसिस दवा असरदार होती है. ध्यान दें, कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना लेना नुकसानदायक हो सकता है.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, कुपोषण की होम्योपैथिक दवा और इलाज पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.