कोविड-19 और वायु प्रदूषण में संबंध
अभी तक के अध्ययनों में बताया गया है कि कोविड-19 से व्यक्ति की श्वसन प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. लेकिन समय के साथ यह पाया गया है कि वायरस व्यक्ति के लिए पूरे शरीर के लिए हानिकारक बन गया है जो शरीर में मौजूद लगभग सभी महत्वपूर्ण अंगों का नुकसान पहुंचा रहा है. कोरोना वायरस पर हुए पूर्व अध्ययनों में यह तर्क सही साबित हुए तो इस वायरस का वायु प्रदूषण से सीधा संबंध हो सकता है क्योंकि दोनों ही अवस्था में फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है.
वैज्ञानिक भी करते हैं इसका समर्थनहारवर्ड के टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिक भी वायु प्रदूषण को कोरोना का सामान्य विभाजक मानते हैं. उनके अध्ययन के मुताबिक, हवा में मौजूद कंक्रीट से यह सबूत मिले हैं कि वायु प्रदूषण कोविड-19 की मृत्युदर में बड़ी कमी ला सकता है. इससे पहले वैज्ञानिकों का मानना था अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इस घातक बीमारी से मरने का खतरा काफी अधिक था.
वैश्विक तौर पर अमेरिका में कोरोना की स्थिति बहुत भयावह है और जंगलों की आग से निकलने वाला धुंआ इस स्थिति में और भी चिंता बढ़ा देता है. वायु प्रदूषण और कोरोना के बीच संबंधों पर अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपनी वेबसाइट पर दिशानिर्देश जारी किए हैं और उन जगहों को सूचीबद्ध किया है जहां इन दोनों का खतरा अधिक है.
कैसे रहें सुरक्षित
सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण, स्मॉग और कोरोना लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. लेकिन इन उपायों को अपनाकर आप इन तीनों विनाशकों से अपना बचाव कर सकते हैं.
– घर में ही रहें, जरूरी काम से ही बाहर निकलें.
– बाहर जाते समय मास्क लगाना न भूलें.
– उच्च जोखिम वाले व्यक्ति, विशेष रूप से श्वसन समस्याओं वाले लोग घर पर ही रहें.
– सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
– बाहर वर्कआउट और शैर करने से बचें, घर पर योगा करें.
– फेफड़ों को मजबूत करने के लिए सांस संबंधी व्यायाम करें.
– हेल्दी डाइट का सेवन करें, विशेषकर फेफड़ों को स्वस्थ रखने वाला भोजन करें.
– आस-पास के कूड़े को न जलाए.
आस-पास जाने के लिए वाहन का उपयोग न करें.