जब से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई है एक्सपर्ट्स ने लोगों को इम्यूनिटी को बेहतर बनाए रखने के बारे में तरह-तरह की सलाह दी है. गंभीर रोगों और इंफेक्शन से बचाव के लिए जरूरी भी है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता स्ट्रॉन्ग बनी रहे. इम्यून सिस्टम कुछ इस तरह से डिजाइन किया हुआ है कि यह कई हानिकारक बाहरी तत्वों या अणु को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता एक सुरक्षा कवच है, जो शरीर को इंफेक्शन्स से बचाए रखता है. लेकिन, दिनचर्या में शामिल की जाने वाली कुछ खराब आदतों के कारण इम्यूनिटी भी प्रभावित होने लगती है, जिससे आप कई तरह की बीमारियों, इंफेक्शन से ग्रस्त होने लगते हैं. इर्रिटेंट्स, एलर्जी और कीटाणुओं के संपर्क में आने से ऐसी बीमारियां हो सकती हैं, जिन्हें रोकने की जरूरत है. जानें, उन कॉमन कारकों के बारे में, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करके कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं.
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इम्यूनिटी प्रभावित करने वाले फैक्टर्स
एक्सपर्ट्स के बार-बार हिदायत देने के बाद भी कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो हैंड वॉश, प्रॉपर हाइजीन का ख्याल नहीं रखते हैं. हाइजीन को नजरअंदाज करना आपको बीमार करने के लिए काफी है. ओन्लीमाईहेल्थ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अध्ययनों के अनुसार, टॉयलेट का उपयोग करते समय सिर्फ 67 प्रतिशत ही हाथ धोते हैं. अन्य 85% वे थे, जिन्होंने सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथ धोए. खराब हाइजीन, हाथों की साफ-सफाई पर ध्यान न देने से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ सकता है. आपको कम से कम 15 सेकेंड के लिए अपने हाथों को साबुन के साथ धोना है. उगलियों के बीच और हाथों के पीछे भी अच्छी तरह से रगड़ना जरूरी है. ऐसे में रेस्टरूम में मौजूद कई तरह के जर्म्स, इंफेक्शन से बचाव भी संभव है.
भरपूर नींद ना लेने से होती है इम्यूनिटी कमजोर
आजकल लोगों का स्लीप साइकल सबसे ज्यादा गड़बड़ रहता है. कुछ लोगों को तो नाइट शिफ्ट में ऑफिस का काम करना होता है, लेकिन जिन लोगों को कोई काम नहीं होता है, वे भी देर रात तक जागकर मोबाइल पर फिल्में या गेम खेलते रहते हैं. इससे वे नींद सिर्फ 4-5 घंटे ही ले पाते हैं. प्रत्येक वयस्क को हर दिन कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लेनी जरूरी है. इससे भी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है, साथ ही इम्यूनिटी भी कमजोर होने लगती है. कम सोने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन, कोर्टिसोल के स्तर में कमी आती है. अध्ययनों के अनुसार, सिर्फ 56% वयस्क ही रोजाना कम से कम 7 घंटे सो पाते हैं. युवाओं को भी 24 घंटे में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी हेल्दी और एक्टिव बॉडी-माइंड के लिए जरूरी है.
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खानपान में पोषक तत्वों की कमी
आजकल लोग अपने कामों में इतने वयस्त हैं कि किसी के पास भी 10 मिनट बैठकर हेल्दी और पौष्टिक चीजों को खाने का समय नहीं है. अच्छी सेहत और इम्यूनिटी को बनाए रखने के लिए हेल्दी डाइट बहुत जरूरी है. मिनरल से भरपूर फूड्स खाएं, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे कम्पाउंड होते हैं, जो इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं, कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं. कुछ फलों और सब्जियों में जिंक होते हैं, जो इम्यूनिटी को सुधारते हैं. जंक फूड, पैक्ड फूड, प्रॉसेस्ड फूड्स के अधिक सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान हो सकता है. इससे प्रॉपर इम्यूनिटी को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में विटामिन ए, सी, बी6, बी12, आयरन, जिंक आदि से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें. ये इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने का काम करते हैं.
स्ट्रेस करे इम्यूनिटी कमजोर
जब आप स्ट्रेस में होते हैं, तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का लेवल काफी बढ़ जाता है. इससे इम्यूनिटी भी प्रभावित होती है. स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के बढ़ते स्तर से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक से काम करने में मुश्किल हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि आप तनाव से छुटकारा पाने के उपायों के बारे में सोचें.
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