मास्क पहनने से खांसने के दौरान मुंह से निकलने वाले कणों का साइज 23 गुना छोटा हो रहा है.
कोरोना वायरस (Corona virus) से बचने का एकमात्र उपाय फेस मास्क (Face Mask) ही है. एक शोध के मुताबिक फेस मास्क का इस्तेमाल कोविड-19 (Covid-19) के बढ़ते प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 25, 2020, 7:46 AM IST
एन 95 मास्क प्रभावकारी
फिजिक्स ऑफ फ्लूड्स (Physics of Fluids) नामक पत्रिका में छपे इस अध्ययन के अनुसार खांसने के दौरान मास्क पहनने से मुंह से निकलने वाले कणों के साइज में 23 गुना की कमी आ रही है. शोधकर्ता अमित अग्रवाल और रजनीश भारद्वाज ने पाया कि फेस मास्क के बिना खांसने के दौरान निकलने वाले कणों का साइज सर्जिकल मास्क की तुलना में सात गुना और एन 95 मास्क की तुलना में 23 गुना बड़ा था. अध्ययन में यह भी पाया गया कि मुंह से निकलने वाले कण हवा में पांच से आठ सेकंड के लिए मौजूद होते हैं, जिसके बाद यह एक मास्क की उपस्थिति और अनुपस्थिति में भंग होना शुरू कर देते हैं.
ये भी पढ़ें – सुबह जल्दी उठने में होता है आलस, ये 5 तरीके बदल देंगे आपकी लाइफशोधकर्ताओं ने बताया कि खांसने और छींकने के दौरान कणों के साथ मुंह से निकलने वाली हवा की भूमिका और इसके परिवेश वायु के साथ संलयन महामारी के प्रसार को समझने में महत्वपूर्ण है. विश्लेषण से पता चला है कि खांसी के तुरंत बाद पहले पांच से आठ सेकंड हवा में इसके कणों को निलंबित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
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11 लाख से ज्यादा लोग गवां चुके हैं जान
अधययन में बताया गया है कि खांसने या छींकने के दौरान रुमाल और कोहनी का इस्तेमाल मुंह से निकलने वाले कणों को हवा में फैलने से रोकते हैं. इसके कारण वायरस के प्रसार में भी बड़ी कमी आती है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वायरस से बचाव में साल 2020 के लिए फेस मास्क को अनिवार्य कर दिया है. बता दें कि कोरोना से दुनिभर में 11 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं.