प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है. प्रदूषण (Pollution) बीमारियों को अपने साथ लाता है. ऐसी प्रदूषित हवा में सांस लेने से आंखों में जलन, नाक बहना, सर्दी-जुकाम, छींक आना, सिरदर्द, जी मचलना और उल्टी जैसी दिक्कतें होने लगती है. उन लोगों के लिए वायु प्रदूषण (Air Pollution) ज्यादा हानिकारक हो सकता है जो कि अस्थमा, एलर्जी या अन्य सांस संबंधी बीमारियों के मरीज हैं. लगातार प्रदूषित हवा में रहने वालों के फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है. यही नहीं, वायु प्रदूषण के कारण हृदय रोग का जोखिम काफी बढ़ जाता है. जहां प्रदूषण कम करने के लिए अपनी आदतों में सुधार की जरूरत होती है, वहीं कुछ आयुर्वेदिक उपाय भी है जिससे प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचा जा सकता है.
बैक्टीरिया से लड़ेगा नीम
myUpchar के अनुसार, नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में बैक्टीरिया से लड़ते हैं. अस्थमा जैसी बीमारी को नियमित करने के लिए भी नीम उपयोगी है. प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक केमिकल सांस के जरिए शरीर के अंदर जाने के साथ ही त्वचा और बालों पर भी जमा होते हैं. इससे त्वचा पर बुरा असर पड़ता है. यह खून साफ करने में भी मदद करता है. इसके लिए सुबह 3 से 4 नीम की पत्तियां चबाएं या इन पत्तियों को पानी के साथ मिलाएं और इसे रोज सुबह खाली पेट पिएं.पिप्पली से सांस लेने की प्रक्रिया बनेगी आसान
वायु प्रदूषण का सबसे बुरा असर फेफड़ों पर पड़ता है. पिप्पली एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो कि फेफड़ों से जुड़े कई तरह के संक्रमण और अस्थमा की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है. यह फेफड़ों को साफ कर सांस लेने की प्रक्रिया आसान बनाने में मदद करती है.
प्रदूषण को बाहर निकालता है सरसों का तेल
प्रदूषित हवा में मौजूद कण नाक में रह जाते हैं और यह बीमारियों की वजह बन सकते हैं. नाक में एक बूंद सरसों का तेल डालने से प्रदूषक को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है. इस तेल से नाभी पर मालिश करने पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
भाप से होगा फायदा
शरीर से प्रदूषण के कणों को हटाने के लिए भाप ली जा सकती है. इसके लिए एक गर्म पानी से भरे बर्तन में यूकेलिप्टस या पेपरमिंट तेल की 6-7 बूंदें लें और चेहरे को तौलिये से ढंक लें. 4-5 मिनट के लिए भाप को सांस के जरिए शरीर के अंदर जाने दें. दिन में दो बार यह प्रक्रिया अपनाएं.
बनाएं तुलसी-अदरक का काढ़ा
तुलसी और अदरक का काढ़ा भी एक बेहतरीन उपाय है जो कि गले को आराम दिलाने और प्रदूषण के कारण होने वाली सर्दी-खांसी या नाक बहने की परेशानी से छुटकारा दिला सकता है. इसके लिए 1 गिलास पानी उबालकर उसमें 5-6 तुलसी की पत्तियां डालें और थोड़ा सा अदरक घिसकर डालें.
घी करेगा प्रदूषण का असर कम
घी का सेवन प्रदूषित हवा में मौजूद लेड और मर्क्यूरी जैसे खतरनाक केमिकल से शरीर पर पड़ने वाले असर को दूर करने में मदद करता है. अपने आहार में नियमित रूप से 1 ये 2 चम्मच घी को जरूर शामिल करें. इसके अलावा नाक में में 1 या 2 बूंद घी डाला जा सकता है, इससे प्रदूषण का प्रभाव कम होता है.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, पर्यावरण और अपने स्वास्थ्य को प्रदूषण को दूर रखने के लिए अपनाएं यह सरल उपाय पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.