कोविड-19 (Covid-19) की वजह से हुए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बड़ी संख्या में लोग घरों में बंद थे, सड़के खाली थीं, फैक्ट्रियां बंद थी, निर्माण कार्य पर रोक लगी थी तो हमारे आसपास की हवा भी पूरी तरह से साफ हो गई थी. ऐसे में राजधानी दिल्ली (Delhi) समेत देशभर के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण (Pollution) बिलकुल निम्न स्तर पर पहुंच गया था. लेकिन अब जब देशभर में लॉकडाउन खुल गया है, सड़कों पर वाहन फिर से वापस आ गए हैं, कारखाने खुल गए हैं तो एक बार फिर हवा प्रदूषित हो गई है.
शरीर पर प्रदूषण का हानिकारक असर
प्रदूषण न सिर्फ फेफड़े और सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है बल्कि सेहत से जुड़ी कई और समस्याओं जैसे- इन्फर्टिलिटी, मिसकैरेज, हृदय रोग, डिप्रेशन आदि को भी जन्म दे सकता है. ऐसे में प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव को नियंत्रित करने और शरीर को डीटॉक्स यानी अंदर से साफ करने के लिए आप इन आयुर्वेदिक उपायों को आजमा सकते हैं.शरीर को डीटॉक्स करना क्यों जरूरी है
हमारा शरीर स्पंज की तरह काम करता है और जिन पार्टिकल्स या कणों के संपर्क में आता है उसे वह सोख लेता है. दूषित हवा में मौजूद प्रदूषक और केमिकल्स जैसे- कार्बन मोनोऑक्साइड, लेड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम कण) आदि सांस के जरिए शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं और शरीर में जमा होने लगते हैं. लिहाजा प्रदूषण के हानिकारक असर से बचने के लिए शरीर की अंदर से सफाई जरूरी है. इन कारणों से भी डीटॉक्स आवश्यक है-
- हानिकारक केमिकल्स और प्रदूषक तत्वों की वजह से गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है.
- शरीर को डीटॉक्स करने से विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालकर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलती है.
- प्रदूषण की वजह से स्किन से जुड़ी समस्याएं और मेटाबॉलिक बीमारियां भी हो सकती हैं, इसलिए भी शरीर की अंदर से सफाई जरूरी है.
- डीटॉक्स की प्रक्रिया बीमारियों से बचाने के साथ ही उम्र बढ़ाने में भी मदद करती है.
इन आयुर्वेदिक उपायों से करें शरीर को डीटॉक्स
आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियों, पौधों और मसालों के बारे में बताया गया है जो प्रदूषण का हमारे शरीर पर जो बुरा असर होता है उसे दूर करने में हमारी मदद कर सकते हैं.
1. हल्दी- औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी में कर्क्युमिन होता है जो एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-एजिंग, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-माइक्रोबियल और खून को साफ करने में मदद करता है. हल्दी शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करने के साथ ही रोगों से लड़ने की हमारी क्षमता (इम्यूनिटी) को भी मजबूत बनाने में मदद करती है.
हल्दी को कैसे यूज करें
आप चाहें तो रोजाना रात में सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी डालकर पिएं या फिर आधा चम्मच हल्दी पाउडर में 1 चम्मच घी या 1 चम्मच शहद मिलाकर इस मिश्रण को सुबह खाली पेट खा सकते हैं.
2. नीम- नीम की पत्तियां भले ही कड़वी हों लेकिन यह सेहत के लिए बेहद गुणकारी हैं. नीम, शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) और प्रदूषण के कणों को बाहर निकालकर शरीर और खून को साफ करने में मदद करता है.
नीम को कैसे यूज करें
वायु प्रदूषण का शरीर के साथ ही स्किन और बालों पर भी बुरा असर पड़ता है, इसलिए नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें और उससे अपने बाल और स्किन को धोएं. ऐसा करने से त्वचा और बालों पर चिपके प्रदूषण के कण धुल जाएंगे. साथ ही आप चाहें तो हफ्ते में 2 से 3 बार सुबह खाली पेट 3-4 नीम की पत्तियां चबाकर खा सकते हैं. इससे खून साफ करने में मदद मिलेगी.
3. अदरक और तुलसी- अदरक भी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है और प्रदूषण के असर को कम कर शरीर को डीटॉक्स करने में मदद कर सकता है. अदरक में जिंजेरॉल होता है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक, एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और खून को साफ करने की प्रॉपर्टीज पायी जाती है. इन सभी गुणों की वजह से शरीर को अंदर से साफ करने में काफी लाभदायक माना जाता है अदरक तो वहीं तुलसी श्वसन तंत्र में मौजूद प्रदूषण के कणों को दूर करने में मदद करती है.
अदरक और तुलसी को कैसे यूज करें
अदरक को कूटकर उसका करीब 1 चम्मच जूस निकाल लें और उसमें आधा चम्मच तुलसी की पत्तियों का अर्क या जूस और थोड़ा सा शहद मिलाएं और रोजाना सुबह खाली पेट इस मिश्रण का सेवन करें. आप चाहें तो तुलसी का काढ़ा भी पी सकते हैं. इसके लिए 8-10 तुलसी की पत्तियों को 1 गिलास गर्म पानी में डालें और उसमें आधा इंच अदरक और लौंग डालें, जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो इस काढ़े का सेवन करें.
4. गाय का घी- घी में भी डीटॉक्सिंग प्रॉपर्टीज पायी जाती है और ओमेगा-3 फैटी एसिड की मौजूदगी के कारण घी, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी मदद करता है. घी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज भी होती है जो शरीर को अंदर से साफ बनाने में मदद करता है. साथ ही घी, विषाक्त पदार्थों जैसे- लेड और मर्क्यूरी को शरीर में जमा होने से भी रोकता है.
घी को कैसे यूज करें
रोजाना सुबह के समय और रात में सोने से पहले अपनी दोनों नासिका छिद्र में 1 या 2 बूंद गाय का घी डालें. ऐसा करने से आप प्रदूषण के कणों को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेने से बचे रहेंगे. इसके अलावा आप चाहें तो अपने रोजाना की डाइट में भी घी को शामिल कर सकते हैं.
5. आंवला- आंवला प्रदूषण के कारण शरीर में जमा होने वाला हानिकारक केमिकल्स और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालकर शरीर की सफाई करने में मदद करता है. साथ ही आंवला इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और विटामिन सी से भरपूर होने की वजह से आंवला शरीर को स्टैमिना देने में भी मदद करता है.
आंवले को कैसे यूज करें
रोजाना आंवले के फल को कच्चा ही खा सकते हैं या फिर आंवले की चटनी बनाकर खा सकते हैं या फिर आंवले की कैंडी या आंवले का मुरब्बा भी बनाकर खा सकते हैं. इस फल को अपनी डेली डाइट में शामिल करें और फिर देखें ये कैसे शरीर को प्रदूषण के हानिकारक असर से बचाता है.
6. अनार का जूस- अनार का जूस न सिर्फ खून को साफ करने में मदद करता है बल्कि यह फल रोगों से लड़ने वाले एंटीऑक्सिडेंट से भी युक्त होता है. अनार के रस और इसके बीज में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट क्षमता ग्रीन टी की तुलना में 3 गुना अधिक होती है. ऐसे में आप चाहें तो सुबह नाश्ते में अनार का फल खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं या सलाद या रायते में मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल बॉडी को डीटॉक्स कैसे करें के बारे में पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.