HIV एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है.
शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि एचआईवी (HIV) संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 1, 2020, 8:14 AM IST
किसी भी उम्र के व्यक्ति को कर सकता है प्रभावित
शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर काफी काम करना शुरू किया था.
वर्ल्ड एड्स डे का उद्देश्यवर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day)मनाने का उद्देश्य एचआईवी (HIV) संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है. एड्स आज के आधुनिक समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. UNICEF की रिपोर्ट की मानें तो अब तक 36.9 मिलियन से ज्यादा लोग HIV के शिकार हो चुके हैं जबकि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी (HIV) के रोगियों की संख्या लगभग 2.7 मिलियन के आसपास है.
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क्या है एचआईवी एड्स
HIV एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है. इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है. वहीं लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं. इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता.
वर्ल्ड एड्स डे 2020 की थीम
Hiv.org की वेबसाइट के अनुसार, विश्व एड्स दिवस के लिए इस वर्ष की थीम ‘एंडिंग द एचआईवी / एड्स महामारी: लचीलापन और प्रभाव है.’ वर्ष 2008 के बाद, प्रत्येक वर्ष की थीम को विश्व एड्स अभियान (डब्ल्यूएसी) की ग्लोबल स्टीयरिंग कमेटी द्वारा चुना जाता है.