गिलोय के पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करती हैं.
डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी में पैंक्रियाज ग्रंथि काम करना बंद कर देती है, जिससे शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है. ऐसे में आयुर्वेदिक औषधि गिलोय (Giloy) का इस्तेमाल कर इसे संतुलित किया जा सकता है.
अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही के चलते कम उम्र में ही हार्ट ब्लॉकेज, डायबिटीज जैसी बिमारियां देखने को मिल रही हैं. ज्यादा वसा युक्त भोजन, बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल आदि के कारण शरीर की आंतरिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो जाती है. डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी में पैंक्रियाज ग्रंथि काम करना बंद कर देती है, जिससे शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है. ऐसे में आयुर्वेदिक औषधि गिलोय (Giloy) का इस्तेमाल कर इसे संतुलित किया जा सकता है. डायबिटीज के अलावा गिलोय का इस्तेमाल आयुर्वेद (Ayurveda) में कई अन्य शारीरिक दोषों को दूर करने में किया जाता है. आइए जानते हैं डायबिटीज क्यों होती है और इसके निवारण के लिए गिलोय का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए.
डायबिटिज होने के कारण
डायबिटीज होने के कई कारण हो सकते हैं. खासतौर पर टाइप-2 डायबिटीज होने के कई कारण हैं – जैसे तनाव, मोटापा और जीवनशैली अनियमित होना, वंशानुगत आदि. ऐसा नहीं है कि डायबिटीज के लिए कोई प्रबंधन नहीं है, लेकिन एक बार डायबिटिज हो जाने पर यह दोबारा ठीक नहीं हो सकती है. लेकिन इसे खानपान और नियमित व्यायाम द्वारा संतुलित रखा जा सकता है. डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे भी अपनाए जा सकते हैं.डायबिटीज में अपनाएं गिलोय औषधि
गिलोय को वैज्ञानिक भाषा में टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया कहा जाता है. गिलोय के पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करती हैं, जिससे डायबिटीज कंट्रोल रहती है. इससे इम्युनिटी बेहतर होती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट तत्व हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करते हैं. इस जड़ी बूटी में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी के गुण पाए जाते हैं, जिससे शरीर का ग्लाइकेमिक कंट्रोल रहता है. यही नहीं, यह एक प्राकृतिक एंटी-डाइबेटिक दवा भी है, जो चीनी खाने की इच्छा को भी कम करती है. इसके अतिरिक्त यह आयुर्वेदिक औषधि पैनक्रियाज के बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करती है. इसके लिए एक गिलास पानी में इस जड़ी-बूटी के पाउडर या पत्तियों को डालकर रख दें। सुबह इसे छानकर पीएं.
करें सदाबहार के फूलों का उपयोग
सदाबहार का उपयोग डायबिटीज के इलाज में काफी मददगार होता है. इसे पेरिविंकल के रूप में भी जाना जाता है. इसके फूल और पत्तों का उपयोग टाइप-2 डायबिटीज के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में किया जाता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए इसकी कुछ पत्तियों को चबाया जा सकता है या फिर सदाबहार के गुलाबी रंग के फूलों को एक कप पानी में उबाल लें. फिर इसे छानकर रोज खाली पेट पीने से शुगर नियंत्रित रहेगी.
डायबिटीज नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण औषधि है विजयसार
विजयसार डायबिटीज नियंत्रित करने की काफी फायदेमंद औषधि है. इस जड़ी बूटी में मौजूद एंटी-हाइपरलिपेडिक गुण शरीर में कोलेस्ट्रॉल, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन और सीरम ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने में मदद करता है. इसके अतिरिक्त यह डायबिटीज में होने वाली समस्याओं को भी कम करता है जैसे- लगातार पेशाब आना, यूरिन में जलन होना आदि. साथ ही यह पाचन तंत्र में भी सुधार करता है. विजयसार आसानी से उपलब्ध हो सकती है. इसका उपयोग करने से पहले विजयसार को रात में पानी में गला दें, फिर सुबह उस पानी की पी लें.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, गिलोय की पहचान, फायदे और नुकसान पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.
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