कोशिकाओं में मौजूद जिंक, कोरोना वायस के कुछ गुणों को बढ़ने से रोकता है.
जिन रोगियो में जिंक (Zinc) की मात्रा उच्च स्तर पर होती है उनके शरीर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के ज्यादा संक्रमित होने पर भी इंटरल्यूकिन-6 जैसी कम सूजन वाली कोशिकाएं पाई जाती हैं.
- News18Hindi
- Last Updated:
September 30, 2020, 6:48 AM IST
प्लाज्मा में मौजूद जिंक की मात्रा
शोध के मुताबिक यह विश्लेषण किया गया है कि कोशिकाओं में मौजूद जिंक, कोरोना वायस के कुछ गुणों को बढ़ने से रोकता है. जांच में वैज्ञानिकों ने पाया कि प्लाज्मा में मौजूद जिंक की मात्रा का SARS-COV-2 वायरस पर असर पड़ सकता है. टीम ने स्पेन की बर्सिलोना की एक क्षेत्रीय यूनिवर्सिटी अस्पताल में 15 मार्च से 30 अप्रैल के बीच कोरोना से ठीक हुए 611 मरीजों पर यह अध्ययन किया है. इन सभी मरीजों की उम्र 63 साल के आसपास है.
इंटरल्यूकिन-6 जैसी कम सूजन वाली कोशिकाएं टीम ने कंप्यूटर मॉडल और सांख्यिकीय विश्लेषण के जरिए इन मरीजों पर जिंक के प्रभाव का आंकलन किया, जिसमें प्लाज्मा में जिंक की मात्रा के नमूने, कोमोबिर्डिटी, लैब के अध्ययन और कोविड-19 के कई गंभीर मामले शामिल हैं. अध्ययन के आखिर में टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची कि 249 मरीजों में जिंक की मात्रा 61 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर पाई गई. जिन रोगियो में जिंक की मात्रा उच्च स्तर पर होती है उनके शरीर में कोरोना वायरस के ज्यादा संक्रमित होने पर भी इंटरल्यूकिन-6 जैसी कम सूजन वाली कोशिकाएं पाई जाती हैं.
कोविड-19 से लड़ने में मददगार
इस आधार पर यह निष्कर्ष निकलकर आया कि प्लाज्मा में मौजूद 50 एमसीजी/डीएल और इससे ज्यादा जिंक की मात्रा वाले मरीजों की तुलना में 50एमसीजी/डीएल से कम प्लाज्मा में मौजूद जिंक की मात्रा वाले रोगियों पर मौत का खतरा अधिक मंडराता है. इसलिए टीम ने जिंक युक्त खाद्य पदार्थों जैसे अखरोट, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और भोजन में अन्य हेल्दी चीजों को शामिल करने की सलाह दी है जो कोविड-19 से लड़ने में मददगार साबित होंगे.