कुछ जोड़ों में आर्थोस्कोपी के माध्यम से संक्रमण का पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है, ऐसे में चिकित्सक को ओपन सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है.
सभी आयु वर्ग में सेप्टिक गठिया (Septic Arthritis) के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और कुछ लक्षण एक जैसे भी हो सकते हैं, लेकिन इस रोग के सभी सामान्य लक्षणों में जोड़ों में सूजन, दर्द, जोड़ों पर लालिमा, बुखार, ठंड महसूस करना आदि शामिल हैं.
जीवनशैली में कई तरह के बदलाव के चलते लोग गठिया (Arthritis) रोग के शिकार हो रहे हैं. इन्हीं में से एक सेप्टिक गठिया (Septic Arthiritis), जो किसी संक्रमण की तरह ही फैलता है. यह ज्यादातर उन लोगों में होता है, जिन्हें कोई चोट (Injury) लगी हो या सर्जरी कराई हो या इंजेक्शन (Injection) लगवाया हो, क्योंकि इन सभी के जरिए ही संक्रमण जोड़ों में फैलता है, इसलिए इसे संक्रामक गठिया भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कि सेप्टिक गठिया के लक्षण और इसके उपचार के बारे में.
सेप्टिक गठिया रोग के लक्षण
myUpchar के अनुसार, सभी आयु वर्ग में सेप्टिक गठिया के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और कुछ लक्षण एक जैसे भी हो सकते हैं, लेकिन इस रोग के सभी सामान्य लक्षणों में जोड़ों में सूजन, दर्द, जोड़ों पर लालिमा, बुखार, ठंड महसूस करना आदि शामिल हैं. इसके अन्य लक्षणों में अधिक कमजोरी महसूस करना, गैस एसिडिटी की समस्या और त्वचा पर झुर्रियां आदि शामिल हैं. सेप्टिक गठिया में कंधे, घुटना, कलाई, कोहनी, कमर आदि अंग प्रभावित होते हैं. इस इंफेक्शन के संपर्क में आने पर व्यक्ति कुछ ही समय बाद इन लक्षणों को महसूस करने लगता है. कुछ मामलों में लक्षण देर से दिखाई दे सकते हैं.सेप्टिक गठिया रोग के कारण
सेप्टिक गठिया रोग संक्रमण की वजह से फैलता है जबकि ‘एक्यूट आर्थराइटिस डिजीज’ तब विकसित हो सकता है जब बैक्टीरिया या अन्य रोग पैदा करने वाले सूक्ष्म जीव खून के माध्यम से जोड़ों में फैल जाते हैं या जब जोड़ सीधे किसी चोट या सर्जरी के माध्यम से सूक्ष्मजीव से संक्रमित हो जाते हैं. सेप्टिक गठिया के गंभीर मामले माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस और कैंडिडा अल्बिकंस जैसे बैक्टीरिया की वजह से होता है.
सेप्टिक गठिया का इलाज
सेप्टिक गठिया इंफेक्शन के कारण होता है. जब इंफेक्शन दूर हो जाता है तो यह स्थिति ठीक हो जाती है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ सकती है. सेप्टिक गठिया को ठीक होने में एक सप्ताह का समय लग सकता है. इस इंफेक्शन को दूर करने के लिए डॉक्टर रोगी को कुछ एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं. इसके अतिरिक्त ड्रेनेज भी किया जा सकता है, जिसमें इंजेक्शन की मदद से संक्रमित तरल को निकाला जाता है. इसी तरह एक अन्य तरीका है स्कोप प्रक्रिया, जिसके लिए आर्थोस्कोपी की जाती है. इसमें जोड़ों में लचीली ट्यूब डाली जाती है, इस ट्यूब में आगे के सिरे पर कैमरा लगा होता है. कुछ मामलों में ओपन सर्जरी की भी मदद ली जा सकती है.
myUpchar के अनुसार, कुछ जोड़ों में आर्थोस्कोपी के माध्यम से संक्रमण का पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है, ऐसे में चिकित्सक को ओपन सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है. यदि इंफेक्शन किसी वायरस के कारण हुआ है, तो ऐसे में अधिकांश उपचार काम नहीं आते हैं, लेकिन रोगी को एंटी फंगल दवाएं दी जा सकती हैं.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, जोड़ों में दर्द पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.
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