कीटो डाइट में काफी ज्यादा मात्रा में फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं.
कीटो डाइट (Keto Diet) में परिणाम तेजी से मिलते हैं. इसमें एक सप्ताह में ही रिजल्ट दिखने लगता है. शरीर ज्यादा ऊर्जा प्राप्त करने लगता है. ज्यादा फैट (Fat) लेने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने का खतरा होता है.
कीटो डाइट क्या है?
इसे KD के नाम से भी जाना जाता है. कीटो में काफी ज्यादा मात्रा में फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं. डायबिटीज के मरीज इस डाइट को ज्यादा फॉलो करते हैं क्योंकि इसे लेने से इन्सुलिन और शुगर का लेवल कम होता है. हालांकि, पोषण विशेषज्ञ रूचि शर्मा बताती हैं कि कीटो आहार मुख्य रूप से मिर्गी से पीड़ित बच्चों में दौरे को कम करने में मदद करता है. वजन घटाने के लिए भागने वाले लोगों के साथ प्रोटीन और वसा को प्रतिस्थापित करने के लिए आवश्यक हैडिंग का विकास करना एक बड़ा सिद्धांत बन गया है.
इसे भी पढ़ेंः मास्क पहनने से पुरुषों को हो सकती हैं स्किन संबंधी समस्याएं, ऐसे करें दाढ़ी की देखभालकीटो डाइट से किडनी फैल कैसे हो सकता है
गुरुग्राम के नारायणा अस्पताल की सीनियर डाइटीशियन परमीत कौर कहती हैं कि कीटो डाइट में परिणाम तेजी से मिलते हैं. इसमें एक सप्ताह में ही रिजल्ट दिखने लगता है. शरीर ज्यादा ऊर्जा प्राप्त करने लगता है. ज्यादा फैट लेने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने का खतरा होता है. ज्यादा प्रोटीन किडनी पर दबाव डालता है. कीटो डाइट लेने वाले कई लोग कम ब्लड प्रेशर की समस्या बताते हैं. लम्बे समय तक इसे लेने से यह हार्ट सम्बन्धी बीमारी को पैदा कर सकता है.
ये भी पढ़ें – कोरोना में क्यों की जाती है कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, जानिए क्या है ये
सिर्फ वजन घटाना उद्देश्य हो तो ही इसे लेना चाहिए. अपने न्यूट्रीशियन से सलाह लेकर हर प्रोविजन को फॉलो करते हुए इसे लेना चाहिए. शुगर और हाई ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने के सबसे बड़े कारण होते हैं. ये गुर्दे के उतकों और रक्त वाहक कोशिकाओं को नष्ट करते हैं. कीटो डाइट के बजाय कम कार्ब की डाइट लेने की सलाह दी जाती है.