कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में सबसे ज्यादा उनके फेफड़े प्रभावित होते हैं.
ब्लड टेस्ट (Blood Test) करवाने से शरीर में ऑक्सीजन (Oxygen) और कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) के स्तर का सटीक पता लगाया जा सकता है. इससे डॉक्टर को सटीक जानकारी मिलती है कि फेफड़े (Lungs) और लीवर कितने अच्छे से काम कर रहे हैं.
जब से कोरोना (Corona) महामारी फैली है, तभी से लोग अपने सेहत (Health) का विशेष ख्याल रख रहे हैं. खासकर बुजुर्गों को अपने फेफड़ों (Lungs) को मजबूत रखने के लिए प्राणायाम व योग (Yoga) करने की सलाह दी जाती है. कोरोना पीड़ितों को अपने साथ ऑक्सीमीटर (Oxymetre) रखने और हर दो तीन घंटे में रीडिंग लेने के लिए कहा जाता है. ऑक्सीमीटर की मदद से मरीज के शरीर में ऑक्सीजन (Oxygen) के स्तर का पता चलता है. लेकिन जब लीवर या फेफड़े से संबंधित बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है तो ऐसे में ब्लड गैस टेस्ट की आवश्यकता पड़ती है. इस टेस्ट के जरिए शरीर में ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का पता लगाया जाता है. साथ ही खून की पीएच वैल्यू का पता लगाने में भी यह टेस्ट काफी महत्वपूर्ण होता है. आइए जानते हैं इस टेस्ट के बारे में-
ब्लड गैस टेस्ट
शरीर में रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन करती है. यह कार्य फेफड़ों के माध्यम से होता है. ब्लड गैस टेस्ट में इसी बात का पता लगाया जाता है कि फेफड़े खून में ऑक्सीजन को कितनी मात्रा में सप्लाई दे रहे हैं और कार्बन डाइऑक्साइड की कितनी मात्रा को हटा रहे हैं. यदि खून में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड और पीएच स्तर में असंतुलन दिखाई देता है तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति की किडनी खराब है या उसे दिल से संबंधित कोई समस्या है या मरीज का शुगर लेवल अनियंत्रित हो चुका है.ब्लड टेस्ट करवाने के कारण
myUpchar के अनुसार, ब्लड टेस्ट करवाने से शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर का सटीक पता लगाया जा सकता है. इससे डॉक्टर को सटीक जानकारी मिलती है कि फेफड़े और लीवर कितने अच्छे से काम कर रहे हैं. यदि व्यक्ति में सांस की तकलीफ, जी मचलाना या बेचैनी जैसे लक्षण हैं, तो डॉक्टर उन्हें ब्लड गैस टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं. इसमें सुई के माध्यम से डॉक्टर मरीज का ब्लड सैंपल लेते हैं और फिर इस सैंपल को जांच के लिए लेबोरेटरी भेजते हैं.
ब्लड टेस्ट के परिणाम
यदि ब्लड गैस टेस्ट के परिणाम में खून में पीएच का स्तर अधिक पाया जाता है तो इसका अर्थ है कि खून में बाइकार्बोनेट की मात्रा ज्यादा है. बाइकार्बोनेट खून में पीएच के संतुलन को बिगाड़ता है. यदि खून में पीएच का स्तर निम्न है तो इसका मतलब है कि खून में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा अधिक है. शरीर में खून में पीएच का सामान्य स्तर 38 से 7.42 माना जाता है. बाइकार्बोनेट का सामान्य स्तर 22 लीटर प्रति लीटर होता है. इसके अलावा ऑक्सीजन का आंशिक दबाव 75 से 100 माना जाता है. कार्बन डाई ऑक्साइड का आंशिक दबाव 38 से 42 होता है.
सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है कोरोना वायरस
myUpchar के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में सबसे ज्यादा उनके फेफड़े प्रभावित होते हैं. यदि मरीज की इम्युनिटी कमजोर है तो शरीर कोरोना या अन्य किसी वायरस से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाएगा, जिसके कारण फेफड़े धीरे-धीरे कमजोर होने लगेंगे और ऐसे में सांस लेने से संबंधित परेशानी हो सकती है. इस स्थिति में तत्काल डॉक्टर की सलाह से ब्लड गैस टेस्ट करवाया जा सकता है ताकि यह पता चल सके कि फेफड़े हमारे शरीर में ऑक्सीजन की सही सप्लाई दे रहे हैं या नहीं.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, आर्टेरियल ब्लड गैस टेस्ट (एबीजी) पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.
अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए ना तो myUpchar और ना ही News18 जिम्मेदार होगा।