कॉफी सेहत के लिए अच्छी है या खराब, इसे लेकर सबके अपने-अपने तर्क हैं. कुछ लोगों के लिए कॉफी सुस्ती दूर करने का बेहतर उपाय है, तो कुछ के लिए ये बॉडी को तुरंत गर्मी पहुंचाने वाली ड्रिंक है. हालांकि, दिन में कितने कप कॉफी पीना सेहत के लिए ठीक है, ये काफी हद तक हेल्थ कंडीशन पर भी निर्भर करता है. लेकिन, जानकार मानते हैं कि अधिकता तो किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं है, इसलिए लिमिट में लेना ही सही है. अब एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि कॉफी आपकी उम्र बढ़ाने में भी मदद करती है. चीन के ग्वांझाऊ शहर स्थित सदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी (Southern Medical University) के रिसर्चर्स द्वारा की गई इस स्टडी में पाया है कि अगर आप डेली लिमिट (रोजाना डेढ़ से साढ़े 3 कप) में मीठी या फीकी कॉफी पिएंगे, तो ज्यादा समय तक जीवित रहेंगे.
इसके पहले की गई स्टडी में भी ये माना गया है कि कॉफी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है. सात सालों की फॉलोअप स्टडी में पाया गया है कि कॉफी नहीं पीने वालों की तुलना में कॉफी पीने वालों को मौत का रिस्क कम था. इस स्टडी का निष्कर्ष एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन (Annals of Internal Medicine) जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
कैसे हुई स्टडी
रिसर्चर्स ने ब्रिटेन के बायोबैंक डाटा की स्टडी की. इस दौरान उन्होंने 1 लाख 71 हजार से ज्यादा प्रतिभागियों से ये जानने की कोशिश कि कॉफी पीने का उनकी डेली लाइफ पर कितना असर होता है. इन प्रतिभागियों के बारे में ये जानकारी नहीं थी कि वे हार्ट डिजीज, कैंसर आदि से ग्रसित हैं या नहीं. लगातार 7 साल की निगरानी के बाद ये पाया गया कि किसी भी रूप में कॉफी पीना हेल्थ के लिए फायदेमंद है. रोजाना डेढ़ से साढ़े तीन कप मीठी कॉफी पीने वाले लोगों में मौत की आशंका उन प्रतिभागियों की तुलना में 29 से 31% कम थी जो कॉफी नहीं पीते थे. इसी तरह बिना चीनी वाली कॉफी पीने वाले प्रतिभागियों की काफी न पीने वालों की तुलना में मौत का रिस्क 16 से 21% कम था.
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बता दें कि कॉफी में औसतन एक चम्मच चीनी मिलाई जाती है. आर्टिफिशियल मिठास का इस्तेमाल करने वाले लोगों से संबंधित आंकड़े परिणाम में निर्णायक नहीं रहे. रिसर्चर्स की टीम ने पाया कि कॉफी में ऐसे तत्व होते हैं जो हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं. हालांकि इसका फायदा सोशल-इकोनोमिक, डाइट, लाइफस्टाइल फैक्टर और जियोग्रॉफिकल क्लाइमेट पर भी निर्भर करता है.
क्या कहते हैं जानकार
स्टडी के ऑथर्स का कहना है, ”रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों के डाटा देश के उस हिस्से के लोगों से इकट्ठा की गई, जहां पर कम से कम 10 साल पहले से चाय भी अन्य पेय पदार्थों की तरह लोकप्रिय था. हालांकि रिसर्चर्स ने इस बात के प्रति आगाह किया है कि स्टडी में कॉफी पीने वालों द्वारा उपभोग की गई कॉफी की मात्रा रेस्तरां या कॉफी चेन में प्रयुक्त मात्रा से कॉफी कम थी. इसके साथ ही कॉफी पीने वाले कई लोग अन्य पेय के बदले उसका उपभोग किया. इससे कॉफी पीने वाले और नहीं पीने वालों के बीच तुलना कठिन था.’
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रिसर्चर्स का कहना है कि इस डाटा के आधार पर डॉक्टर अपने रोगियों को ये एडवाइज दे सकते हैं कि उन्हें अपने खानपान से कॉफी को बाहर रखने की जरूरत नहीं है. लेकिन कॉफी की कैलोरी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.
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Tags: Coffee, Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : June 01, 2022, 11:50 IST