खांसी और सांस लेने की समस्या भी हो सकती है
दरअसल, घने कोहरे में पार्टिकुलेट मैटर और प्रदूषण की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से फेफड़ों आदि को नुकसान ज्यादा पहुंचता है. खांसी और सांस लेने आदि की समस्या भी पैदा हो जाती है. अस्थमा आदि की प्रॉब्लम भी लोगों को होती है. आंखों में जलन, सूजन और लालपन जैसी समस्या भी उत्पन्न होती है.
इस मौसम में स्वास्थ्य को लेकर रहना होगा सचेत
इन सभी को लेकर मौसम विभाग ने कुछ स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहने की सलाह भी दी है. मौसम विभाग का मानना है कि इस तरह के मौसम में फ्लू, नाक का बहना या रुक जाना, नकसरी जैसी विभिन्न तरह की बीमारियां भी बढ़ जाती हैं. ठंड की वजह से लोगों को इस तरह की बीमारियों से बचने का प्रयास करना चाहिए. साथ ही शीत लहर से बचने के लिए कोशिश करें कि घर के भीतर ही रहे. शरीर के सभी अंगों को ढक कर रखने या उनको कवर करके रखें. यह भी सलाह दी है कि ठंड की वजह से अगर कपकपी जैसी स्थिति बनती है तो तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट लेना चाहिए.
आउटडोर एक्टिविटी से बचें, सी रिच फ्रूट्स खूब खाएं
लोगों को आउटडोर एक्टिविटी से बचना चाहिए या फिर सीमित करना चाहिए. विटामिन सी रिच फ्रूट्स और वेजिटेबल के अलावा पर्याप्त मात्रा में गर्मी देने वाले तरल पदार्थों का भी ज्यादा से ज्यादा सेवन करने की जरूरत की सलाह दी है जिससे कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके. एक लेयर का भारी गर्म कपड़जगह हल्के कई लेयर के कपड़े ठंड़ से बचने के लिये पहनने की सलाह दी है.
फसल, बिजली, पानी पर भी पड़ता है बुरा असर
साथ ही घने कोहरे और शीत लहर आदि का असर कृषि, फसल, पशुओं, वाटर सप्लाई, ट्रांसपोर्ट और पावर सेक्टर आदि पर भी ज्यादा देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग ने लोगों को इस स्थिति से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. साथ ही यह भी सलाह दी है कि ऐसे मौसम में असंवेदनशील लोगों से कुछ दूरी भी बनाकर रखें. वहीं, पशुओं को सर्द मौसम से बचा कर रखने की जरूरत है.